संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बोले पीएम मोदी, सरकार हर मुद्दे पर खुली चर्चा को तैयार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के रचनात्मक और उत्पादक शीतकालीन सत्र का आह्वान करते हुए कहा कि बहस के साथ-साथ संसद में शांति भी होनी चाहिए। शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।

    पीएम मोदी ने कहा कि संसद देश हित में चर्चाएं करे, देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे, इसके लिए ये सत्र विचारों की समृद्धि वाला, दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सकारात्मक निर्णयों वाला बनें। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।

    पीएम ने कहा कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान दिया, कितना सकारात्मक काम हुआ, उस तराजू पर तोला जाए। न कि मापदंड ये होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर सत्र को रोका। सरकार हर विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। हम ये भी चाहते हैं कि संसद में सवाल भी हों और शांति भी हो।

    प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 100 करोड़ से अधिक डोज कोविड वैक्सीन की पूरी करने के बाद अब हम 150 करोड़ डोज़ की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट की खबरें भी हमें ओर सजग करती हैं, मैं संसद के सभी साथियों को भी सजग रहने की प्रार्थना करता हूं। पीएम ने कहा कि देश के 80 करोड़ नागरिकों को इस कोरोना काल के संकट में और अधिक तकलीफ ना हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से मुफ्त अनाज की योजना चल रही है। अब इस योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है।

    संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को भारत सरकार लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद राज्यसभा में तीन ‘कृषि कानून निरसन विधेयक 2021’ पेश करेगी। 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के दिन तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।

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