राजस्थान में कांग्रेस करेगी बड़ा खेल? सचिन पायलट के मजबूत होने की अटकलों से समर्थकों में जोश

    राजस्थान में चुनावी तैयारियों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के संगठन में मजबूतत किए जाने की खबरों को लेकर उनके समर्थकों में जोश आ गया है। पहले से ही माना जा रहा था कि कांग्रेस आलाकमान मार्च महीने के बाद बदलाव की नीति अपना सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हालात बदलने की सूरत में प्रदेश कांग्रेस अब शायद अपने युवा नेता सचिन पायलट को वापस मुख्य धारा में ला सकती है। राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने को लेकर लगातार दिल्ली में मंथन हो रहा है। पायलट के मजबूत होने की अटकलों के बीच भले ही बड़े कांग्रेसी नेता इस बात से खुश नहीं दिख रहे लेकिन पायलट के चाहने वाले युवा नेताओं में जरूर खुशी और जोश देखा जा रहा है।

    अजमेर के युवा नेता बोले- पायलट को मजबूत करना जरूरी
    अजमेर से सचिन पायलट का पुराना नाता है। यहां की जनता ने पायलट को सांसद बनाया और फिर वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रहे। पायलट का रुतबा प्रदेश में किसी से छुपा नहीं है। यही वजह है कि राजनीति से रुचि रखने वाली युवा पीढ़ी पायलट को राजस्थान में मजबूत देखना चाहती है। कांग्रेस के स्थानीय युवा नेताओं से बातचीत करने पर पता चला कि पायलट को फिर से राजस्थान में मजबूत किए जाने की खबरों से इन लोगों भी भारी उत्साह है। स्थानीय नेता खटाणा ने कहा कि अजमेर लोकसभा से पायलट का जो रिश्ता है वो केवल राजनीतिक नहीं बल्कि दिल से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि यहां का हर व्यक्ति पायलट को मजबूत देखना चाहता है। उन्होंने बताया कि चौराहों ओर गांवों तक भी अब यह चर्चा होने लगी है कि जल्द ही पायलट प्रदेश कांग्रेस के मुखिया बन रहे हैं।

    सीएम सहित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने की लगा रहे अटकलें
    कांग्रेस में क्या चल रहा है, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन हां, लोगों के कयास में कमी नहीं आ रही है। कोई ये मानकर चल रहा है कि अब पायलट को डेढ़ साल के लिए प्रदेश की कमान बतौर सीएम सौंपी जा सकती है तो किसी ने उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने की बात कही।

    2023 के आखिर में होंगे राजस्थान में चुनाव
    राजस्थान में गहलोत सरकार को साढ़े तीन साल का समय बीत चुका है अब चुनाव में डेढ़ साल और बचा है। कांग्रेस अगर राज्य में वापसी करना चाहती है तो उसे डेढ़ साल में जी तोड़ मेहनत करनी होगी। बीते साढ़े तीन साल में पार्टी की अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं रही है। इसबीच कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठन व सत्ता में कांग्रेस आलाकमान बदलाव कर सकता है।

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