आरोपी ने योजना के तहत एक सिमकार्ड खरीदा और उसकी मदद से वह खुद बबलू को ब्लैकमेलर बनकर कॉल करने लगा। बबलू मामला सेटल करने के लिए उसे ही ऑन लाइन रुपये भेजता। वह ब्लैकमेलर को रुपये भेजने की बात कर खुद ही रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता।
बुराड़ी निवासी एक युवक की शादी होने वाली थी, लेकिन वह व्हाट्सएप पर सेक्सटॉर्शन गैंग के चंगुल में फंस गया। पीड़ित ने अपने दोस्त से जिक्र किया तो उसने आरोपियों को नजरअंदाज करने के लिए कहा। मामला शांत हुआ तो पीड़ित युवक के दोस्त के दिमाग में खुराफात आई। उसने साजिश रची और फिर खुद ही पीड़ित को कॉल कर धमकाने लगा।
आरोपी ने धीरे-धीरे पीड़ित बबलू (28) से चार लाख रुपये सेक्सटॉर्शन गैंग को देने के नाम पर ले लिये। लेकिन इन रुपयों को वह अपने अकाउंट में भेजकर पीड़ित को फर्जी पेटीएम-स्क्रीन शॉट दिखाता रहा। बबलू के पास जब आरोपियों को देने के पैसे खत्म हो गए तो उसने पुलिस को खबर दी।
उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने दोस्त की इस साजिश से पर्दा उठाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान शिवम कुमार (23) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन और जिन खातों में वसूले गए रुपये भेजे गए हैं, उनको अपने कब्जे में ले लिया है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों गृहमंत्रालय के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर बुराड़ी निवासी बबलू नामक युवक ने एक शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उसके व्हाट्सएप पर अंकिता शर्मा नामक युवती का मैसेज आया था। बातचीत में दोस्ती हो गई। प्यार का इजहार करने के बाद अंकिता ने बबलू की अश्लील वीडियो बना ली। इसके बाद उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों बाद बबलू की शादी होने वाली थी। घटना से बबलू बुरी तरह डर गया। उसने अपने करीबी दोस्त शिवम से सारी बात बताकर अंकिता का मामला हैंडल करने और उसे रुपये देने की बात की।
शिवम ने बबलू को भरोसा दिलाया कि वह मामले को देख लेगा। इसके बाद शिवम ने धीरे-धीरे अंकिता के नाम पर पीड़ित से चार लाख रुपये ऐंठ लिये। अंकिता के नाम से पीड़ित के पास अक्सर कॉल आते थे। जब बबलू के पास रुपये खत्म हो गए तो उसने पुलिस से शिकायत की। उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
थाना प्रभारी पवन तोमर और व अन्यों की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस, सीडीआर और बैंक खातों की जांच की। इसके अलावा शिवम से बातचीत की गई। जांच में पुलिस को पता चला कि शुरुआत में बबलू को कॉल भरतपुर इलाके से आई। लेकिन कुछ दिनों के अंतर के बाद कॉलर की लोकेशन बुराड़ी इलाके की ही आई।
उसके आधार पर पुलिस आरोपी के घर पहुंची तो वह बबलू का दोस्त शिवम ही निकला। उसने अपने दोस्त को ब्लैकमेल करने की बात कबूल कर ली। शिवम ने बताया कि बबलू को ब्लैकमेल करने वालों को उसने कॉल करके धमकाया तो उन्होंने उसे कॉल करना बंद कर दिया। इस बीच उसके दिमाग में बबलू से वसूली की बात आई। आरोपी ने योजना के तहत एक सिमकार्ड खरीदा और उसकी मदद से वह खुद बबलू को ब्लैकमेलर बनकर कॉल करने लगा। बबलू मामला सेटल करने के लिए उसे ही ऑन लाइन रुपये भेजता। वह ब्लैकमेलर को रुपये भेजने की बात कर खुद ही रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता। बदले में बबलू को फर्जी पेटीएम के स्क्रीन शॉट दिखा देता था।