चीन और रूस के बीच जापान सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शुरू हुआ है. इसे दोनों देशों की साझेदारी मज़बूत करने के साथ-साथ वैश्विक व्यवस्था में अमेरिका की अगुआई का जवाब देने का प्रयास भी माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच खास तौर पर यूक्रेन युद्ध के बाद करीबी आई है. अभ्यास तीन दिन चलेगा. दिलचस्प बात है कि यह अमेरिका की तरफ से पनडुब्बी तैनाती की खबरों के बाद ही यह मिलिट्री ड्रिल दोनों देशों के बीच शुरू हुई है. संयुक्त समुद्री-2025 सैन्याभ्यास में शामिल चीन और रूस का नौसैनिक बेड़ा रविवार को रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह के पास समुद्री क्षेत्र के लिए रवाना हुआ. इससे जाहिर है कि संयुक्त सैन्याभ्यास का समुद्री अभ्यास चरण पूरी तरह से शुरू हो गया है. बताया जाता है कि रविवार को सुबह 5 बजे रूसी टगबोट और सैन्य बंदरगाह में सहायता कर्मियों के सहयोग से चीनी नौसेना का शीहू जहाज और रूस का बेलौसोव लाइफबोट सबसे पहले बंदरगाह से रवाना हुए. उसके बाद चीन और रूस के जंगी जहाजों ने रवाना होकर जल्दी से बेड़े का गठन किया और मिशन क्षेत्र की ओर निकले.