सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में कुछ युवाओं के बीच अलगाववादियों और आतंकवादियों का महिमामंडन करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने के एक नये चलन का खुलासा किया है. इसके पीछे का कारण वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं, बल्कि फॉलोवर बढ़ाने और विज्ञापनदाताओं से धन कमाने की एक सोची-समझी रणनीति है. श्रीनगर पुलिस कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया साइट पर नजर रखने का हरसंभव प्रयास कर रही है. श्रीनगर पुलिस को इस प्रवृत्ति का पता तब चला जब उसने ऐसे अकाउंट से जुड़़े कुछ युवाओं को हिरासत में लिया.युवकों ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर स्वीकार किया कि भड़काऊ तस्वीरों -जैसे कि प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी की तस्वीर – का इस्तेमाल फॉलोवर का एक बड़ा आधार हासिल करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति थी. युवकों ने बताया कि इससे वे बाद में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर विज्ञापनदाताओं से विज्ञापन हासिल करके उससे पैसे कमाने में सक्षम हो सके.