अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के बहाने बसपा सुप्रीमो मायावती मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रहीं हैं कि बसपा उनकी खैरख्वाह है। मात्र आरोप प्रत्यारोप से वह शाइस्ता को पार्टी से बाहर नहीं करेगी।
विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा की हालत खराब हो गई। इससे पहले बसपा दलितों के साथ-साथ मुस्लिमों का भी साथ पाकर सत्ता के शीर्ष तक पहुंची थीं। हाल के चुनावों में बसपा को पहले की तरह मुस्लिमों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है। अब बसपा मुस्लिमों को फिर से जोड़ने की तैयारी कर रही है।
लगातार इन पर फोकस किया जा रहा है। प्रयागराज प्रकरण में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। मायावती ने मंशा साफ कर दी है कि शाइस्ता को जांच में दोषी साबित होने के बाद ही पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।
मायावती छोटी छोटी गलतियों पर पार्टी पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाती रहीं हैं। शाइस्ता प्रकरण की प्रदेश भर में गूंज होने के बावजूद मायावती ने साफ किया है कि जांच के बाद ही कोई एक्शन होगा। यानी मायावती मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि वह मुस्लिमों के साथ हैं।